नई दिल्ली, 18 अप्रैल . दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इन दिनों एक्शन में नजर आ रही हैं. स्कूल में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा, यमुना की सफाई, दिल्ली में पानी और बिजली सप्लाई जैसे अहम मुद्दों को लेकर वह काफी एक्टिव हैं. इन्हीं सब मुद्दों पर सीएम रेखा गुप्ता ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत की.
सवालः दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर सरकार क्या कदम उठाएगी?
जवाबः अगर कोई स्कूल गलत तरीके से फीस बढ़ाना चाहेगा, बच्चों और अभिभावकों को परेशान करेगा, तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दिल्ली में स्कूल चलाने के लिए सिस्टम है, जिसे फॉलो करना पड़ेगा. हमने जिन स्कूलों की शिकायत आई हैं, उन्हें बताया कि अगर आपकी लापरवाही जारी रही तो स्कूल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है. इसके साथ ही हम एक बहुत सख्त कानून लाने की तैयारी में हैं, जिसमें स्कूलों को नियमों का पालन करना पड़ेगा. अगर नियमों का पालन नहीं करते हैं तो जरूरी नहीं कि वह स्कूल दिल्ली में चले.
सवालः मुख्यमंत्री बनने के बाद आप जब पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिली थीं, तो प्रधानमंत्री ने आपको क्या बोला?
जवाबः ढेरों आशीर्वाद दिया, शुभकामनाएं दी और बड़ा सपोर्ट दिया कि दिल्ली देश की राजधानी है और भारत की प्रगति दिल्ली की प्रगति के साथ चलने वाली है, तो मुझे उनके नेतृत्व में दिल्ली में काम करने का मौका मिला है, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है.
सवालः गांधी परिवार के खिलाफ अभी चार्जशीट दाखिल हुई है, तो इस पर आपका क्या कहना है और अरविंद केजरीवाल ने अभी तक इस पर कुछ नहीं बोला है?
जवाबः उनकी इच्छा है वह किस पर कब बोलना चाहते हैं और किस पर कब नहीं बोलना चाहते हैं. उन्हें जो अच्छा लगता है, वही करते हैं. वह बच्चों की कसम खाते हैं और उसके बाद फिर से जुड़ जाते हैं, तो इस पर क्या कहना है. जो जैसा कर्म करेगा, उसे भुगतना ही पड़ेगा. गांधी परिवार ने जो किया है वह उनके सामने आएगा.
सवालः बंगाल में हुई हिंसा को लेकर क्या आपको लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की असफलता है?
जवाबः बहुत शर्मनाक है, अगर राज्य में इस प्रकार का माहौल है और उसमें खुद मुख्यमंत्री शामिल होकर जनता को बांटने का काम कर रही हैं. जो हिंदू परिवार हैं, उनके ऊपर इतना अत्याचार और इतनी दर्दनाक स्थिति है कि लोगों को वहां से जाना पड़े तो एक महिला मुख्यमंत्री के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती है.
सवालः प्रधानमंत्री ने यमुना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. आप भी उस बैठक में शामिल थीं. इस बार जो छठ पूजा हो, तो उसमें अलग अनुभव हो, इसके लिए क्या काम हो रहा है?
जवाबः यमुना नदी की सफाई के लिए सभी कामों पर चर्चा हुई. यमुना को साफ रखने के लिए विस्तृत प्लान पर काम चल रहा है. यमुनोत्री, जहां से यमुना निकलती है और जहां जाकर प्रयागराज में खत्म होती है, उसके लिए विस्तृत योजना बनाकर काम की तैयारी है.
सवालः विपक्ष का कहना है कि जब से आपकी सरकार आई है, तब से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बिजली चली गई है. कुछ नेता कैंडल लाइट डिनर की फोटोज शेयर कर रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाबः वे कैंडल लाइट डिनर कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में बिजली कतई नहीं गई है. उनकी ऐसी आदत है, क्योंकि वह अच्छी कहानी बनाते रहते हैं. उन्हें सुर्खियों में रहना होता है, इसलिए ऐसा करते रहते हैं. वे लोग स्टोरी मेकर्स और स्टोरी टेलर्ज हैं, जनता पूरी तरह से संतुष्ट है, ऐसी कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई है.
सवालः दिल्ली में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाबः यह सच्चाई है. दिल्ली में प्रदूषण है. पिछली सरकारों ने कभी कुछ किया ही नहीं. हमारी सरकार, जिसे अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए, हमने अपनी ओर कई प्रयास शुरू किए हैं, जिन्हें धरातल पर आने में समय लगेगा. जब तक ये योजना लागू नहीं होती, तब तक हमें बर्दाश्त करना होगा. हमने अनेकों निर्णय लिए हैं. आने वाले समय में वायु गुणवत्ता को ज्यादा बेहतर कर पाएंगे. हम साल के 12 महीनों प्रदूषण को लेकर काम करेंगे, ये मुद्दा पूरे साल का है, न कि दो महीने का. इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को भी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
सवालः अरविंद केजरीवाल अधिकारियों को लेकर बहुत शिकायत करते थे. अब वही अधिकारी आपके साथ काम कर रहे हैं, तो आपका कैसा तजुर्बा है?
जवाबः देखिए अधिकारी काम करना चाहते हैं, सरकार का मुखिया उनका लीडर होता है, तो देखना होता है कि वह उनसे काम लेना चाहता है या नहीं लेना चाहता. अधिकारी भी काम करना चाहते थे, उपराज्यपाल भी काम करना चाहते थे और केंद्र भी पूरा समर्थन दे रहा था. अब किसी की आदत ऐसी ही हो जाए, कि हमेशा कोसना है और मदद लेनी ही नहीं है, क्या कह सकते हैं. पिछली सरकार का ऐसा व्यवहार बन गया था.
सवालः आप और राहुल गांधी एक मंच पर बैठे हैं. आप राहुल गांधी से बात कर रही हैं, लेकिन वह असहज महसूस कर रहे थे, तो क्या आपको उनका अहंकार देखने को मिला?
जवाबः देखिए सबका अपना नेचर होता है. वह दिल्ली में रहते हैं, हमारा फर्ज बनता है कि हम उनका स्वागत करें. दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाते, मुझे सौम्यता के नाते, सभ्यता के नाते सबको प्रणाम करना है.
सवालः पहली बार जब आप मंत्री बनी हैं तो सबसे ज्यादा आपको क्या चुनौतियां नजर आई, जो आपको लगता है कि सब ज्यादा दिल्ली वासियों को इन चीजों से निकालना चाहिए?
जवाबः हर चीज में चुनौती है. पिछली सरकारों ने दिल्ली को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया. चाहे वह टूटी सड़कें हों, चाहे बहती नालियां हों या सीवर की बदहाल व्यवस्था. हर एक चीज पर काम करने की आवश्यकता है और हम लोग काम करने के लिए लग गए हैं.
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डीएससी/केआर
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