रांची, 7 मई . ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद साजिद रशीदी ने वक्फ संशोधन एक्ट, 2025 को ऐतिहासिक बताते हुए कांग्रेस पार्टी और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर जुबानी हमला किया है. मंगलवार को रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है.
मौलाना रशीदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले 70 वर्षों में मुसलमानों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. सालों देश की सरकार चलाने के बाद भी उसने मुसलमानों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार या धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई. उन्होंने कहा कि दिल्ली में वक्फ की ढाई सौ बीघा जमीन पर कांग्रेस सरकारों ने कब्जा कर लिया. उसे न तो मुसलमानों को लौटाया और न ही उसका उपयोग शिक्षा या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया. उल्टा, इस जमीन को अपने नजदीकी बिल्डरों और नेताओं को सौंप दिया. यह सिर्फ दिल्ली की बात नहीं है, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में भी वक्फ संपत्तियों पर कब्जा और घोटाले आम रहे हैं, जो कांग्रेस की नीति और नीयत को उजागर करते हैं.
उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह यह ऐलान करती हैं कि वक्फ कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि मुस्लिम हित उनके लिए केवल एक वोट हथियार है. उनके बयान के बावजूद मुस्लिम सड़क पर क्यों उतरे? प्रदर्शन क्यों हुआ? बंगाल में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और केस दर्ज क्यों हुआ? यह शर्मनाक है. अगर यह कानून मुस्लिमों की भलाई के लिए है, तो फिर उसका विरोध क्यों?
उन्होंने सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट और अन्य अध्ययन रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी में मुसलमानों की बदतर स्थिति उजागर हुई, लेकिन कांग्रेस ने कभी उन सिफारिशों को लागू नहीं किया. वहीं, आज मोदी सरकार ने पारदर्शिता, ई-गवर्नेंस और जवाबदेही के सिद्धांतों के आधार पर वक्फ सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है.
मौलाना रशीदी ने कहा, “अब मुसलमान जाग चुका है. अब हमें अपने बच्चों को सिर्फ़ मदरसों तक सीमित नहीं रखना, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा, तकनीकी कौशल और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच दिलानी है. इसके लिए जरूरी है कि हमारी संपत्तियां, विशेषकर वक्फ संपत्तियां, सुरक्षित और उपयोगी हों.”
उन्होंने आगे कहा, “हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वे मुस्लिम समुदाय को एक ‘रिजर्व फ़ोर्स’ के रूप में देखें. एक ऐसी ताकत जो राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, जो नफरत नहीं, विकास चाहती है.”
मौलाना ने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अब नेताओं की बातों पर नहीं, उनके काम पर ध्यान देना होगा. कौन हमारे बच्चों के लिए स्कूल बनवाता है? कौन हमारी जमीन की रक्षा करता है? कौन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारे रिकॉर्ड सुरक्षित करता है? यही असली सवाल हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद कमाल खान और भाजपा की प्रवक्ता राफिया नाज, तारिक इमरान सहित अन्य उपस्थित थे.
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एसएनसी/एएस
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