Mumbai , 28 अक्टूबर . आजकल काम का तनाव, नींद की कमी और बिगड़ती जीवनशैली की वजह से सिरदर्द आम समस्या बन गया है. कई लोग दिन में कई बार तेज या हल्का सिरदर्द महसूस करते हैं.
अक्सर लोग इस तकलीफ से राहत पाने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन दवा का असर ज्यादा देर तक नहीं रहता. आयुष मंत्रालय के अनुसार, ऐसी स्थिति में योगासन सिरदर्द से राहत पाने का प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकता है. योग न केवल मस्तिष्क को शांत करता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है, जिससे लंबे समय तक आराम मिलता है.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग के कई आसन ऐसे हैं जो सिरदर्द में राहत देने में मदद कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, बालासन मस्तिष्क को शांत करने का काम करता है. इस आसन को करने से शरीर और दिमाग दोनों में संतुलन बनता है, जिससे तनाव घटता है और सिर हल्का महसूस होता है.
सेतुबंधासन: यह आसन सिरदर्द के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. यह आसन शरीर में रक्त के प्रवाह को संतुलित करने में मदद करता है. जब रक्त मस्तिष्क तक सही तरीके से पहुंचता है, तो सिर में होने वाले दर्द और भारीपन की समस्या कम हो जाती है. यह आसन मांसपेशियों में तनाव कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है, जिससे माइग्रेन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. खास बात यह है कि इसे करने से शरीर के ऊपरी हिस्से में ऊर्जा का संतुलन भी बनता है, जिससे दिनभर की थकान और सिरदर्द दोनों में कमी आती है.
पादंगुष्ठासन: यह आसन सिरदर्द में लाभ पहुंचाता है. यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है. जब मस्तिष्क में पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन पहुंचते हैं, तो दर्द कम महसूस होता है और ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाता है. यह आसन शरीर के तनाव को घटाकर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है, जिससे सिरदर्द की तीव्रता धीरे-धीरे कम होती है. इसके साथ ही, यह आसन मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी की लचीलापन भी बढ़ाता है, जो लंबे समय तक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है.
पश्चिमोत्तानासन: यह आसन भी सिरदर्द में राहत देने में सहायक है. यह मस्तिष्क और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है. यह आसन मानसिक थकान को दूर करता है और मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति अधिक चुस्त और ताजगी महसूस करता है. नियमित अभ्यास से सिरदर्द की समस्या धीरे-धीरे नियंत्रित होती है और दवाओं पर निर्भरता भी कम होती है.
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पीके/एएस
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