कोलकाता, 29 मई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने गुरुवार को 26 हजार से ज्यादा बेरोजगार शिक्षकों के प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की इच्छा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार निशाना साधा.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में अनेकों समस्याएं हैं, जिनसे मौजूदा समय में लोग जूझ रहे हैं. लेकिन, यह अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री इन सभी समस्याओं का समाधान करने की कोई कोशिश नहीं कर रही हैं. मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार कर रही हैं, जैसे उन्हें पश्चिम बंगाल की जनता से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के इस रवैये से तंग आकर अब लोग मदद के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के पास जा रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से मदद नहीं मिल पा रही है, तो निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री जरूर उनके लिए कुछ न कुछ करेंगे. लेकिन, जिस तरह का व्यवहार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की जनता के साथ कर रही हैं, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री से मिलना चाहता है, तो निश्चित तौर पर मिल सकता है. किसी को इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि तकनीकी रूप से इस समस्या का समाधान पश्चिम बंगाल में है. ऐसी स्थिति में ममता बनर्जी को आगे आकर सक्रिय होना पड़ेगा.
3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था. तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार ने यह आदेश दिया था और साथ ही तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी कहा था.
ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगी.
सीएम के इस आश्वासन के बाद राज्यभर में शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि उनकी बहाली हो. भाजपा ने ममता बनर्जी को इस घोटाले का जिम्मेदार ठहराते हुए पद से बर्खास्त करने की मांग की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस संबंध में राष्ट्रपति को पत्र लिखा था और मांग की कि जो लोग इस नौकरी के योग्य हैं, उन्हें नौकरी मिले.
इसके साथ ही भाजपा नेता ने फर्जी मतदाताओं का मुद्दा भी उठाया. दिलीप घोष ने कहा, ” यह चिंता का विषय है कि राज्य में लगातार तेजी से फर्जी मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है. हमने इस मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह मांग की है कि जल्द से कोई कदम उठाया जाए. हम लगातार इस मामले को लेकर राज्यभर में आंदोलन भी कर रहे हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में जरूर कदम उठाए जाएंगे.”
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एसएचके/केआर
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