न्यूयॉर्क, 29 मई . अमेरिकी अदालत ने मानव तस्करी मामले में भारतीय मूल के मास्टरमाइंड को 10 साल से अधिक की सजा सुनाई है. भारतीय मूल का व्यक्ति हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29 वर्षीय) एक मानव तस्करी योजना का मास्टरमाइंड था, और उसके कारण एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई थी. परिवार अवैध तरीके से कनाडा के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था.
भारतीय मूल के हर्षकुमार रमनलाल पटेल को अमेरिका के मिनेसोटा के संघीय न्यायाधीश जॉन टुनहेम ने दस साल और एक महीने की सजा सुनाई है. इसके अलावा, उसके साथी स्टीव एंथनी शैंड (50 वर्षीय) को छह साल और छह महीने की सजा सुनाई गई है.
यह घटना 19 जनवरी, 2022 को हुई थी, जब गुजरात के डिंगुचा के जगदीश बलदेवभाई पटेल (39 वर्षीय), उनकी पत्नी वैशालीबेन जगदीशकुमार पटेल (37 वर्षीय) और उनके बच्चे विहंगी (11 वर्षीय) और धार्मिक (3 वर्षीय) मिनेसोटा की सीमा पर मैनिटोबा प्रांत के पास माइनस 35 डिग्री तापमान को सह नहीं पाए और मर गए थे. वे हर्षकुमार पटेल द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. घटना वाले दिन मैनिटोबा प्रांत की सीमा पर स्थित क्षेत्र में तापमान शून्य से 35 डिग्री नीचे था.
बुधवार को टुनहेम ने कहा कि तस्करों ने पीड़ितों का शोषण किया और उन्हें बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया.
अमेरिकी कानूनी प्रणाली के तहत एक जूरी (सामान्य नागरिकों का पैनल) ने पिछले नवंबर में उन्हें दोषी ठहराया था.
अभियोजक लिसा किर्कपैट्रिक ने कहा, “जब भी मैं इस मामले के बारे में सोचती हूं. मुझे यह परिवार याद आता है, जिसमें दो छोटे बच्चे थे और आरोपियों ने उन्हें बर्फीले तूफान में मरने के लिए छोड़ दिया.”
इसके अलावा, सात अन्य लोग बच गए थे, जो तस्करों के साथ सीमा पार करने वाले समूह में शामिल थे. बाद में उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने बचाया और गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही एक जीवित बचे व्यक्ति यश पटेल ने मुकदमे के दौरान गवाही दी थी कि उन्हें कनाडा की ओर छोड़ दिया गया था और बर्फीली आंधी में सीधी रेखा में चलने के लिए कहा गया था, जहां अमेरिका की ओर एक वैन उनका इंतजार कर रही थी.
दो लोगों ने शैंड द्वारा चलाई गई वैन ढूंढ ली और अमेरिकी अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और पाया कि पांच अन्य लोग उस क्षेत्र में फंसे हुए थे, जिनमें से एक की गंभीर हालत के कारण उसे हवाई मार्ग से अस्पताल ले जाना पड़ा था.
जिस परिवार की मृत्यु हुई, उनके शव कनाडा की ओर अधिकारियों को मिले. हर्षकुमार पटेल द्वारा चलाए गए इस तस्करी रैकेट में मुख्य रूप से गुजरात के लोग कनाडा का वीजा लेकर अमेरिका में उस सीमा के रास्ते प्रवेश करते थे.
इस परिवार की मौत ने कनाडा सीमा के रास्ते होने वाली तस्करी पर दुनिया का ध्यान खींचा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में घोषणा की थी कि वे कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा रहे हैं, क्योंकि वह अवैध आव्रजन को रोकने में विफल रहा है.
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एफएम/केआर
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