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50 लाख रुपये की कमाई भी कम पड़ रही… बेंगलुरु में स्कूल की महंगी फीस ने उड़ाए होश!

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नई दिल्ली: क्या बेंगलुरु दिन-प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है? वहां रहने से लेकर स्कूल की फीस तक देने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। आए दिन सोशल मीडिया पर लोग इस तरह की जानकारी देते रहते हैं जिससे पता चलता है कि बेंगलुरु में लाखों रुपये कमाने के बाद भी वहां रहकर खर्च चलाना काफी मुश्किल है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। यहां एक स्कूल की फीस होश उड़ा देने वाली है।

फाइनेंशियल प्लानर डी. मुथुकृष्णन ने बेंगलुरु के स्कूल की फीस के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया है। इस स्कूल की फीस 2025-26 सत्र के लिए जारी की गई है। इसमें पहली से 5वीं क्लास तक की फीस 7.35 लाख रुपये है। छठी से 8वीं क्लास तक की फीस 7.75 लाख रुपये है। 9वीं और 10वीं क्लास की फीस 8.5 लाख रुपये है। 11वीं और 12वीं क्लास की फीस 11 लाख रुपये है। इसके अलावा, एडमिशन के समय 1 लाख रुपये अलग से देने होंगे।

एक्सपर्ट ने क्या लिखा एक्स पर?
मुथुकृष्णन ने एक्स पर लिखा, ‘यह एक खुली मार्केट है। यहां हर कोई अपनी मर्जी से चीजों की कीमत तय कर सकता है। ग्राहक अपनी पसंद की चीज चुन सकते हैं। यह सब कहने में तो ठीक लगता है, लेकिन असलियत में ऐसा नहीं है।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘यह फीस तो उन आईटी कपल्स के लिए भी बहुत ज्यादा है, जो मिलकर साल में 50 लाख रुपये कमाते हैं और जिनके दो बच्चे स्कूल जाते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिलता है।’

वायरल हुई पोस्ट
मुथुकृष्णन की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। यह पोस्ट रविवार को सुबह करीब 8 बजे की गई थी। दोपहर एक बजे तक यानी 5 घंटे में इस पोस्ट को 85 हजार से ज्यादा यूजर्स देख चुके हैं। एक हजार लोगों से इसे लाइक किया है और 160 से ज्यादा यूजर्स कमेंट कर चुके हैं। यही नहीं, 125 यूजर्स ने इसे रीपोस्ट किया है।

यूजर ने कहा- इंसान को मार रहा लालच
मुथुकृष्णन की इस पोस्ट पर काफी यूजर्स ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा है कि इतनी ज्यादा फीस के लिए लोग खुद ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने लिखा, ‘यह फीस किसने मांगी? यह तो वही लोग हैं जो चाहते हैं कि उनके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ें ताकि उन्हें 1 करोड़ रुपये की सैलरी मिले!! यह लालच ही इंसान को मार रहा है।’

एक अन्य यूजर ने लिखा कि खुली मार्केट की बात सुनने में तो अच्छी लगती है, लेकिन जब शिक्षा जैसी जरूरी चीजें भी अच्छी कमाई करने वाले परिवारों के लिए मुश्किल हो जाएं, तो यह दिखाता है कि बेहतर संतुलन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियां होनी चाहिए जिससे सभी को शिक्षा मिल सके। अच्छी शिक्षा सिर्फ कुछ लोगों के लिए ही नहीं होनी चाहिए।

सरकार से दखल की मांग
एक यूजर ने फीस के मामले में सरकार के दखल की मांग कर दी। उन्होंने लिखा कि सरकार क्यों दखल नहीं दे सकती? ऑनलाइन एप्लीकेशन फीस के लिए 1000 रुपये लेना बहुत गलत है। यह एंटी-मोनोपॉली प्राइसिंग कानून के खिलाफ है। स्कूलों और कॉलेजों की फीस के मामले में खुली मार्केट बिना नियमों के नहीं होनी चाहिए।

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