Disha Patani House Firing: दिशा पाटनी के घर हुई फायरिंग मामले में यूपी एसटीएफ ने दो आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. दोनों आरोपितों को पहचान रवीन्द्र उर्फ कल्लू और अरुण के तौर पर हुई. ये मुठभेड़ गाजियाबाद में हुई. यूपी एसटीएफ ने बताया कि दोनों आरोपी रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे. बीते 12 सितंबर को बरेली जिले में के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी. इस मामले में थाना कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए तत्काल खुलासे और कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
हरियाणा के रहने वाले दोनों बदमाशबरेली पुलिस के साथ-साथ यूपी एसटीएफ को भी बदमाशों की तलाश में लगाया गया था. सीसीटीवी फुटेज और आसपास के प्रदेशों के क्राइम रिकॉर्ड्स से मिलान के बाद पुलिस ने बदमाशों की पहचान की. दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले बदमाशों की पहचान रविंद्र पुत्र कल्लू निवासी कहनी, रोहतक और अरुण पुत्र राजेंद्र निवासी इंडियन कॉलोनी, गोहना रोड, सोनीपत के रूप में हुई.
बदमाशों के पास मिली ग्लॉक और जिगाना पिस्टलआज यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और सीआई यूनिट दिल्ली की संयुक्त टीम से थाना ट्रॉनिका सिटी गाजियाबाद में इन बदमाशों की मुठभेड़ हो गई, जिसमें दोनों बदमाश रविंद्र और अरुण गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों दोनों को मृत घोषित कर दिया.
बताया जा रहा है कि दोनों घायल बदमाश रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिए सदस्य थे. रविंद्र पहले भी कई घटनाओं में शामिल रहा है. इसके पास से मौके से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल के साथ-साथ भारी संख्या में कारतूस बरामद हुआ.
2500 CCTV फुटेज पुलिस ने खंगालेदिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में जांच के दौरान बरेली पुलिस को बड़ा सुराग मिला था. शीशगढ़ से बिलासपुर रोड पर संदिग्ध बाइक कैमरे में कैद हुई थी. बरेली पुलिस ने ढाई हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे. बाइक सवारों ने भागते वक्त लिए कई यू-टर्न लिए. इस तरह उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी. बरेली पुलिस को दिल्ली से इनपुट मिला था कि गोल्डी बरार गैंग वारदात के बाद कभी सीधा रास्ता नहीं अपनाता. गैंग के सदस्य कैमरों से बचने के लिए बार-बार रास्ते बदलते हैं.
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