सेंट्रल दिल्ली में शास्त्री भवन की सातवीं मंजिल से गिरे केंद्रीय सचिवालय सेवा (CSS) के अधिकारी दीपक खोड़ा (33) के पिता का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया- जब दीपक ने 7वीं मंदिर से छलांग लगाई थी तो उससे पहले उसने मुझे फोन किया था. तब दीपक ने बताया था कि उसे सीनियर अधिकारी बार-बार सबके सामने अपमानित करते हैं.
जब घटना की सूचना मिली थी तो पुलिस ने कहा था कि दीपक एक बंदर से बचने की कोशिश में फिसल गए थे. हालांकि, दीपक खोड़ा ने एक अक्टूबर को पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि कई महीनों से वरिष्ठ सहकर्मियों द्वारा बार-बार अपमानित किए जाने के कारण उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि वो डिप्रेशन में थे.
पुलिस ने बताया- केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) फोरम ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्रियों को पत्र लिखकर गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच/ की मांग की है.
दीपक के पिता, आरएस मीणा राजस्थान सरकार में जिला शिक्षा अधिकारी हैं. उन्होंने ‘द हिंदू’ को बताया- मेरा बेटा पिछले छह महीनों से बहुत तनाव में था. उसके वरिष्ठ अधिकारी उसे परेशान करते थे और सबके सामने अपमानित करते थे. ऑफिस से निकलने से पहले, उसने मुझसे आधे घंटे तक बात की और बताया कि वह डरा हुआ और उदास है. मैंने उससे छुट्टी के लिए आवेदन करने को कहा. पिता ने बताया कि उनका बेटा एक वाहन पर गिर गया था, जिससे उसकी जान बच गई. हालांकि, उसके बाएं हाथ में फ्रैक्चर हुआ है.
केंद्र सरकार के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था, सीएसएस फोरम ने कहा- हम दीपक खोड़ा के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं. और मंत्रालयों से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं. फोरम ने कहा- यह मामला कार्यस्थल पर उत्पीड़न पर अंकुश लगाने और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है.
150 CSS के अधिकारियों ने निकाला था मार्च
1 अक्टूबर को लगभग 150 सीएसएस अधिकारियों ने कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन तक मार्च किया. उन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर दीपक खोड़ा को यह खौफनाक कदम उठाने के लिए मजबूर किया था. दीपक के पिता आरएस मीणा ने कहा- पुलिस पहले हमारी शिकायत दर्ज ही नहीं कर रही थी.
‘हमें नहीं मिली उत्पीड़न की कोई जानकारी’
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया- दीपक खोड़ा लगभग 8-9 वर्षों से मंत्रालय में कार्यरत हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय को इस दौरान उनके साथ कार्यस्थल पर हुए किसी भी उत्पीड़न के बारे में लिखित या मौखिक रूप से अनौपचारिक माध्यमों से अवगत नहीं कराया गया. उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद मंत्रालय ने अधिकारियों से संपर्क किया और परिवार को उचित सहायता प्रदान की जा रही है.
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