दिवाली, जिसे प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है, अच्छाई की बुराई पर विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार भारत में विशेष महत्व रखता है।
इस दिन भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों, रंगोली और दीपों से सजाते हैं, साथ ही भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
दीप जलाने की परंपरा का आरंभ तब हुआ जब अयोध्यावासियों ने भगवान राम के स्वागत के लिए अपने घरों को दीपों से सजाया। दिवाली का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है, और इस दौरान दीप जलाने की परंपरा का पालन किया जाता है।
धन की वृद्धि के लिए, विषम संख्या में दीपक जलाना शुभ माना जाता है, जैसे 5, 7, 9, 11, 51 और 101। दीपावली पर कम से कम 5 दीपक जलाना आवश्यक है।
दीप जलाने का सही स्थान उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा है, और मुख्य द्वार तथा रसोई में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन दीप जलाने का उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और देवी लक्ष्मी का स्वागत करना है।
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