डिजिटल डेस्क- (टोल टैक्स में राहत की संभावना। केंद्र सरकार नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले यात्रियों को टोल टैक्स में राहत देने की योजना बना रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय इस संबंध में दो प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। पहले प्रस्ताव के अनुसार, ढाई लेन और संकरे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल नहीं लिया जाएगा। दूसरे प्रस्ताव में, कारों के लिए एक साल के लिए 3000 रुपये का अनलिमिटेड ट्रैवल पास उपलब्ध कराया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों प्रस्तावों को सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। वर्तमान में, यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है, क्योंकि इसके लागू होने पर सरकार की टोल से होने वाली आय में कमी आएगी। हालांकि, संकरे राष्ट्रीय राजमार्गों को टोल-फ्री करने से ज्यादा नुकसान नहीं होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री का बयान-
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहले भी प्राइवेट गाड़ियों के लिए वार्षिक और लाइफटाइम पास का विकल्प देने की योजना का उल्लेख किया था। उन्होंने कई बार कहा है कि सरकार नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत देने पर विचार कर रही है। यदि टोल में कमी की जाती है, तो यात्रियों को कोई समस्या नहीं होगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, समीक्षा बैठक में नितिन गडकरी ने ढाई लेन या पक्की सड़कों को टोल-फ्री करने का प्रस्ताव रखा था और अधिकारियों को इस पर विचार करने के लिए कहा था। इन सड़कों पर टोल चार लेन या उससे अधिक वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में 64% कम है। देशभर में इस तरह के 50 से कम टोल प्लाजा हैं, जिनमें से अधिकांश सार्वजनिक धन से संचालित हैं।
सरकार की भरपाई योजना-
ज्यादातर टोल संग्रह खर्च से कम होता है, इसलिए टोल-फ्री करना नकारात्मक नहीं है। मुख्य चिंता 4+ लेन राजमार्गों पर निजी एजेंसियों द्वारा टोल वसूली है। सरकार द्वारा निजी वाहनों के लिए वार्षिक पास जारी करने से होने वाले नुकसान की भरपाई करनी होगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के दौरान सरकार को टोल के माध्यम से कुल 61000 करोड़ रुपये की आय हुई है, जिसमें प्राइवेट गाड़ियों की हिस्सेदारी लगभग 20-21% है। शेष 79-80% आय सरकार को वाणिज्यिक और भारी वाहनों से प्राप्त हुई है।