इंडिया टीवी के विशेष पॉडकास्ट 'द फिल्मी हसल' में अनुपमा चोपड़ा ने अपने करियर, फिल्मों की समीक्षाओं, और बॉक्स ऑफिस की कमाई के बारे में खुलकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किसी फिल्म की सफलता या असफलता का निर्धारण केवल उसकी कमाई से नहीं होता, बल्कि यह पूरी तरह से कहानी पर निर्भर करता है।
फिल्म की सफलता का मापदंड
पॉडकास्ट के होस्ट अक्षय राठी ने बताया कि फिल्म समीक्षाएं बहुत व्यक्तिगत होती हैं और आजकल केवल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर ध्यान दिया जाता है। अनुपमा ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि दर्शकों का ध्यान केवल कमाई पर होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'जब तुम्बाड और लैला मजनू रिलीज हुई थीं, तब उनका प्रचार ठीक से नहीं हुआ था, इसलिए वे असफल रहीं। लेकिन जब इन्हें दोबारा रिलीज किया गया, तो दर्शकों ने इनकी कहानी को सराहा और इन फिल्मों ने शानदार कमाई की।'
स्टार्टअप से दूसरे संगठन में बदलाव
अनुपमा चोपड़ा ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की थी, जिसमें विभिन्न पॉडकास्ट, इंटरव्यू और राउंड टेबल होते थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना व्यवसाय बंद कर दिया। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं एक पत्रकार हूं, व्यवसायी नहीं। एक कंपनी चलाना मेरे कौशल का हिस्सा नहीं था, इसलिए मैंने इसे बंद करने का निर्णय लिया।'
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