यूरिक एसिड एक ऐसा टॉक्सिन है जो शरीर में प्रोटीन के टूटने से उत्पन्न होता है। किडनी इस टॉक्सिन को छानकर मूत्र के माध्यम से बाहर निकालती है। यह टॉक्सिन सभी के शरीर में बनता है, लेकिन जब यह शरीर में रुकता है, तो यह समस्या का कारण बनता है। प्यूरीन युक्त आहार का अधिक सेवन करने से रक्त में इन टॉक्सिन का स्तर बढ़ जाता है। मीठे पेय, बीयर, शराब, पनीर, राजमा, मलाई और दालों का अधिक सेवन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है।
यूरिक एसिड के बढ़ने के प्रभाव
जब यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है, तो हड्डियों में विकृति आ सकती है और जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। जोड़ों में तेज दर्द उठने से उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है। यदि लंबे समय तक यूरिक एसिड को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह किडनी, फेफड़ों और हृदय की सेहत को प्रभावित कर सकता है और गाउट का खतरा बढ़ा सकता है।
आहार और जीवनशैली में बदलाव
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ नित्यानंद श्री के अनुसार, कुछ लोग पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं और तली हुई चीजों का अधिक सेवन करते हैं, जबकि फाइबर का सेवन कम करते हैं। यह सभी बातें यूरिक एसिड के बढ़ने का कारण बनती हैं। जिन लोगों का यूरिक एसिड उच्च है, उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बासी मुंह पानी पिएं
यदि आपका यूरिक एसिड उच्च है, तो सुबह जल्दी उठकर हरी घास पर टहलें और बासी मुंह बिना कुल्ला किए पानी पिएं। रात की बासी लार को पानी के साथ मुंह में ले जाने से पाचन में सुधार होता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
खाना चबाकर खाएं
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए, भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं और प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचें।
बॉडी की मसाज करें
जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए तिल के तेल से मसाज करें। यह जोड़ों की सूजन और दर्द से राहत प्रदान करता है।
फलों और सब्जियों का सेवन करें
उच्च यूरिक एसिड वाले व्यक्तियों को हल्के रंग की सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जैसे लौकी, टिंडा, घिया, खीरा और करेले। इनका सेवन यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
पानी का ज्यादा सेवन करें
उच्च यूरिक एसिड वाले व्यक्तियों को रोजाना अधिक पानी पीना चाहिए। इससे यूरिक एसिड के क्रिस्टल को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
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