ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भारत को लेकर अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी में बड़ा बदलाव किया है। एशिया पैसिफिक रीजन के लिए जारी की गई इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजी फोकस लिस्ट में कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (VBL) को शामिल किया है। यानी अब मॉर्गन स्टैनली की नजर भारत की इन 2 बड़ी प्राइवेट कंपनियों पर है। वहीं, कंपनी ने इंटरग्लोब एविएशन (IndiGo) और जुबिलेंट फूडवर्क्स को अपनी फोकस लिस्ट से बाहर कर दिया है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि यह बदलाव उसकी नई स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जिसमें वह फाइनेंशियल, कंज्यूमर और इंडस्ट्रियल सेक्टर के बड़े प्राइवेट प्लेयर्स पर भरोसा जता रही है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि आने वाले समय में इन सेक्टर्स की बड़ी कंपनियों में निवेश के अच्छे मौके मिल सकते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज: AI और ग्रीन एनर्जी पर बड़ा दांव
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज आने वाले समय में अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ग्रीन एनर्जी की योजनाओं के जरिए बड़ी वैल्यू बना सकती है। इसी वजह से कंपनी को अपनी नई फोकस लिस्ट में शामिल किया गया है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि रिलायंस इन दोनों सेगमेंट में मिलाकर करीब 50 बिलियन डॉलर (₹4.2 लाख करोड़) तक की वैल्यू अनलॉक कर सकती है। रिलायंस अपनी AI स्ट्रैटेजी के तहत एक मल्टी-गिगावाट जेनरेटिव AI डेटा सेंटर बना रही है। इसमें NVIDIA के ब्लैकवेल चिप्स का इस्तेमाल होगा और यह Google और Meta के साथ पार्टनरशिप में तैयार किया जा रहा है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट में 2027 तक 15 बिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि अभी बाजार रिलायंस की AI क्षमता को पूरी तरह समझ नहीं पा रहा है और इस सेक्टर में कंपनी का असली वैल्यूएशन काफी कम आंका गया है।
एनर्जी बिजनेस के मामले में भी रिलायंस की योजनाएं काफी महत्वाकांक्षी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने ग्लोबल पॉलीसिलिकॉन कैपेसिटी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा छोड़ दिया है, जिससे रिलायंस के लिए बड़ा अवसर खुला है। कंपनी 2027 तक 20 गीगावाट की पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सोलर चेन तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। ऐसा करने वाली रिलायंस दक्षिण एशिया की पहली कंपनी बन सकती है, जो उसे ग्लोबल क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में एक मजबूत 'नॉन-चाइना बेनिफिशियरी' बनाएगी।
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, रिलायंस के ऑयल-टू-केमिकल (O2C) बिजनेस पर चीन की सुस्ती का थोड़ा असर पड़ा है, जिससे रिफाइनिंग मार्जिन तंग हुए हैं। हालांकि, कंपनी के रिटेल और टेलीकॉम सेगमेंट लगातार बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं - खासकर FMCG बिजनेस और फिक्स्ड वायरलेस ग्राहकों की बढ़ती संख्या के कारण कंपनी की रिटर्न क्वालिटी में सुधार हुआ है। मॉर्गन स्टैनली के एनर्जी एनालिस्ट मयंक महेश्वरी ने रिलायंस के न्यू एनर्जी + AI बिजनेस का वैल्यूएशन बढ़ाकर 25 बिलियन डॉलर कर दिया है, जो पहले 19 अरब डॉलर था। इसके अलावा, ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि रिलायंस की कमाई (EPS) अगले कुछ वर्षों में औसतन 11% CAGR (वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ सकती है। कंपनी के अलग-अलग बिजनेस सेगमेंट्स में आगे भी वैल्यू ग्रोथ की गुंजाइश बनी हुई है।
वरुण बेवरेजेस: कंपनी ने लगातार दिखाई देश-विदेश में विस्तार करने की बेहतरीन क्षमता
मॉर्गन स्टैनली ने अपनी नई फोकस लिस्ट में वरुण बेवरेजेस लिमिटेड (VBL) को भी शामिल किया है। फर्म का कहना है कि कंपनी ने देश और विदेश दोनों बाजारों में लगातार विस्तार करने की बेहतरीन क्षमता दिखाई है। इसके अलावा, पहले जो चिंताएं कंपनी के ग्रोथ को लेकर थीं, वे अब काफी हद तक खत्म हो चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'VBL का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।' कंपनी ने पिछले कुछ सालों में तेजी से स्केल बढ़ाया है और नए बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत की है। मॉर्गन स्टैनली की कंज्यूमर एनालिस्ट शीला राठी का कहना है कि 'कंपनी के लिए कमजोर ग्रोथ का दौर (जो सीजनल कारणों से था) अब बीत चुका है।' इसका मतलब है कि अब कंपनी की बिक्री और मुनाफे में फिर से स्थिर बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंपनी फिलहाल नए बाजारों में विस्तार नहीं करेगी, बल्कि अपने मौजूदा ऑपरेशंस को और मजबूत बनाने पर फोकस करेगी। साथ ही, अल्कोबेव (शराब आधारित पेय) सेगमेंट में एंट्री को कंपनी के भविष्य की ग्रोथ के लिए अहम कदम बताया गया है। मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि इन सभी पॉजिटिव फैक्टर्स से कंपनी के शेयर में री-रेटिंग की संभावना बढ़ गई है। यानी स्टॉक की वैल्यू और निवेशकों का भरोसा दोनों आने वाले समय में और मजबूत हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
रिलायंस इंडस्ट्रीज: AI और ग्रीन एनर्जी पर बड़ा दांव
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज आने वाले समय में अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ग्रीन एनर्जी की योजनाओं के जरिए बड़ी वैल्यू बना सकती है। इसी वजह से कंपनी को अपनी नई फोकस लिस्ट में शामिल किया गया है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि रिलायंस इन दोनों सेगमेंट में मिलाकर करीब 50 बिलियन डॉलर (₹4.2 लाख करोड़) तक की वैल्यू अनलॉक कर सकती है। रिलायंस अपनी AI स्ट्रैटेजी के तहत एक मल्टी-गिगावाट जेनरेटिव AI डेटा सेंटर बना रही है। इसमें NVIDIA के ब्लैकवेल चिप्स का इस्तेमाल होगा और यह Google और Meta के साथ पार्टनरशिप में तैयार किया जा रहा है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट में 2027 तक 15 बिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि अभी बाजार रिलायंस की AI क्षमता को पूरी तरह समझ नहीं पा रहा है और इस सेक्टर में कंपनी का असली वैल्यूएशन काफी कम आंका गया है।
एनर्जी बिजनेस के मामले में भी रिलायंस की योजनाएं काफी महत्वाकांक्षी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने ग्लोबल पॉलीसिलिकॉन कैपेसिटी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा छोड़ दिया है, जिससे रिलायंस के लिए बड़ा अवसर खुला है। कंपनी 2027 तक 20 गीगावाट की पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सोलर चेन तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। ऐसा करने वाली रिलायंस दक्षिण एशिया की पहली कंपनी बन सकती है, जो उसे ग्लोबल क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में एक मजबूत 'नॉन-चाइना बेनिफिशियरी' बनाएगी।
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, रिलायंस के ऑयल-टू-केमिकल (O2C) बिजनेस पर चीन की सुस्ती का थोड़ा असर पड़ा है, जिससे रिफाइनिंग मार्जिन तंग हुए हैं। हालांकि, कंपनी के रिटेल और टेलीकॉम सेगमेंट लगातार बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं - खासकर FMCG बिजनेस और फिक्स्ड वायरलेस ग्राहकों की बढ़ती संख्या के कारण कंपनी की रिटर्न क्वालिटी में सुधार हुआ है। मॉर्गन स्टैनली के एनर्जी एनालिस्ट मयंक महेश्वरी ने रिलायंस के न्यू एनर्जी + AI बिजनेस का वैल्यूएशन बढ़ाकर 25 बिलियन डॉलर कर दिया है, जो पहले 19 अरब डॉलर था। इसके अलावा, ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि रिलायंस की कमाई (EPS) अगले कुछ वर्षों में औसतन 11% CAGR (वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ सकती है। कंपनी के अलग-अलग बिजनेस सेगमेंट्स में आगे भी वैल्यू ग्रोथ की गुंजाइश बनी हुई है।
वरुण बेवरेजेस: कंपनी ने लगातार दिखाई देश-विदेश में विस्तार करने की बेहतरीन क्षमता
मॉर्गन स्टैनली ने अपनी नई फोकस लिस्ट में वरुण बेवरेजेस लिमिटेड (VBL) को भी शामिल किया है। फर्म का कहना है कि कंपनी ने देश और विदेश दोनों बाजारों में लगातार विस्तार करने की बेहतरीन क्षमता दिखाई है। इसके अलावा, पहले जो चिंताएं कंपनी के ग्रोथ को लेकर थीं, वे अब काफी हद तक खत्म हो चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'VBL का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।' कंपनी ने पिछले कुछ सालों में तेजी से स्केल बढ़ाया है और नए बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत की है। मॉर्गन स्टैनली की कंज्यूमर एनालिस्ट शीला राठी का कहना है कि 'कंपनी के लिए कमजोर ग्रोथ का दौर (जो सीजनल कारणों से था) अब बीत चुका है।' इसका मतलब है कि अब कंपनी की बिक्री और मुनाफे में फिर से स्थिर बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंपनी फिलहाल नए बाजारों में विस्तार नहीं करेगी, बल्कि अपने मौजूदा ऑपरेशंस को और मजबूत बनाने पर फोकस करेगी। साथ ही, अल्कोबेव (शराब आधारित पेय) सेगमेंट में एंट्री को कंपनी के भविष्य की ग्रोथ के लिए अहम कदम बताया गया है। मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि इन सभी पॉजिटिव फैक्टर्स से कंपनी के शेयर में री-रेटिंग की संभावना बढ़ गई है। यानी स्टॉक की वैल्यू और निवेशकों का भरोसा दोनों आने वाले समय में और मजबूत हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
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