LSG VS CSK: पूर्व भारतीय ऑलराउंडर संजय बांगड़ ने चेन्नई सुपर किंग्स की पांच मैचों की हार का सिलसिला खत्म होने के बाद एम.एस. धोनी की फिटनेस और उनके मैच खत्म करने की क्षमता पर बात की। उन्होंने कहा कि धोनी भले ही अपनी पूरी फिटनेस में नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत दिखाई और टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया।मैच में जब रचिन रवींद्र और डेब्यू कर रहे शेख राशिद ने चेन्नई को 167 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत दी, तभी लखनऊ सुपर जायंट्स के स्पिन गेंदबाजों ने मैच में वापसी की। लेकिन धोनी ने 11 गेंदों में नाबाद 26 रन बनाकर, और शिवम दुबे के 37 गेंदों में नाबाद 43 रन के साथ, मैच को फिर से चेन्नई के पक्ष में कर दिया और टीम ने पांच विकेट से जीत दर्ज की। बांगड़ ने जियोहॉटस्टार पर कहा, "धोनी पूरी तरह फिट नहीं थे। आखिरी ओवरों में जब वह विकेट के पीछे गेंद पकड़ रहे थे, तब वह हल्के से लड़खड़ा रहे थे। लेकिन फिर भी उन्होंने पूरी कोशिश की और शानदार बल्लेबाजी की। विकेटों के बीच दौड़ते समय वह थोड़े संघर्ष कर रहे थे, लेकिन फिर भी शांत दिमाग से खेलते रहे और एक मजबूत साझेदारी की। जैसे-जैसे मैच नजदीक आता है, विरोधी टीम से गलती की संभावना बढ़ जाती है। यही धोनी की खासियत है कि वह आखिरी समय में मौका ढूंढ ही लेते हैं और मैच को शानदार तरीके से खत्म करते हैं।" पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वरुण आरोन ने भी धोनी की मौजूदगी की अहमियत पर बात करते हुए कहा, "मैदान पर धोनी का होना बहुत बड़ी बात है, खासकर मैच के अंतिम ओवरों में। आज ऊपर के बल्लेबाजों ने उन्हें एक ऐसा लक्ष्य दिया जो हासिल करना मुमकिन था। इससे पहले के मैचों में निचले क्रम को बहुत कठिन लक्ष्य मिल रहे थे। हर ओवर में 14-15 रन चाहिए होते थे, जो हर बार मुमकिन नहीं होता। लेकिन आज का लक्ष्य आसान था, और जब ऐसा होता है, तो धोनी ज्यादातर बार मैच जिता ही देते हैं।" आरोन ने यह भी कहा कि लखनऊ के गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में एक ही तरह की गेंदबाजी की। सिर्फ वाइड लाइन डाली, न तो बाउंसर फेंकी और न ही ऑफ स्टंप के बाहर धीमी गेंद आजमाई। रवि बिश्नोई को एक और ओवर न देना भी उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ। पांच लगातार हार के बाद चेन्नई सुपर किंग्स ने आखिरकार जीत का रास्ता पाया। अब सात मैचों में उनके पास दो जीत हैं। अगला मुकाबला 20 अप्रैल को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के खिलाफ होगा। आरोन ने यह भी कहा कि लखनऊ के गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में एक ही तरह की गेंदबाजी की। सिर्फ वाइड लाइन डाली, न तो बाउंसर फेंकी और न ही ऑफ स्टंप के बाहर धीमी गेंद आजमाई। रवि बिश्नोई को एक और ओवर न देना भी उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ। Also Read: Funding To Save Test Cricket Article Source: IANS
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