आईपीएल में बीती रात का मुक़ाबला इस कदर रोमांचक रहा कि 20 ओवरों के बाद दोनों टीमों के स्कोर बराबर रहे और मैच सुपरओवर में चला गया.
दिल्ली कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 188 रन बनाए. राजस्थान रॉयल्स ने 19 ओवर तक 180 रन बना लिए थे और उसके केवल तीन खिलाड़ी ही आउट हुए थे. आख़िरी ओवर में राजस्थान को जीत के लिए सिर्फ़ नौ रन चाहिए थे.
जीत आसान दिख रही थी. यह राजस्थान रॉयल्स के डग आउट में बैठे कोच और खिलाड़ियों के चेहरे की मुस्कान में साफ़ झलक रहा था.
यहां दिल्ली के कप्तान अक्षर पटेल ने गेंद अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क के हाथों में दी और फिर जो हुआ वो आईपीएल के इतिहास के सुनहरे पन्ने पर दर्ज हो गया.
टी20 में 902 डेथ ओवर गेंदों का अनुभव और इनमें 8.98 की इकोनॉमी से 94 विकेट चटका चुके स्टार्क ने इस ओवर की शुरुआत अपने चिर परिचित यॉर्कर से की.
पहली गेंद पर उनके सामने तूफ़ानी बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर शिमरॉन हेटमायर थे. लेकिन स्टार्क के इस यॉर्कर पर वो केवल एक रन ही बना सके.
दूसरी गेंद का सामना ध्रुव जुरेल ने किया और इस पर भी केवल एक ही रन बना.
तीसरी गेंद स्टार्क ने ब्लॉकहोल में डाली लेकिन हेटमायर ने इसे डीप कवर पर खेल कर दो रन बटोर लिए.
चौथी गेंद पर फिर दो रन बने तो पांचवी पर केवल एक.
अब आख़िरी गेंद पर जीत के लिए दो रन बनाने थे लेकिन स्टार्क ने फिर यॉर्कर डाली और ध्रुव जुरेल ने उसे डीप मिडविकेट पर खेला.
एक रन आसानी से पूरा करने के बाद वो दूसरा रन लेने की कोशिश में रन आउट हो गए. इसके साथ ही दोनों टीमों का स्कोर बराबरी पर छूट गया और मैच सुपरओवर में चला गया.
राजस्थान रॉयल्स ने मैच में बाद में बल्लेबाज़ी की थी इसलिए नियमों के अनुसार सुपरओवर में उसे पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतारा गया.
दिल्ली कैपिटल्स की ओर से सुपरओवर डालने की ज़िम्मेदारी एक बार फिर स्टार्क को दी गई तो राजस्थान ने शिमरॉन हेटमायर और रियान पराग को बल्ले के साथ भेजा.
स्टार्क ने पहली गेंद 142 किलोमीटर की रफ़्तार से डाली.हेटमायर इस पर कोई स्कोर नहीं कर सके. लेकिन अगली गेंद पर उन्होंने डीप मिड विकेट और लॉन्ग ऑन के बीच शानदार चौका जड़ दिया.
तीसरी गेंद पर हेटमायर केवल एक रन ही बना सके.
चौथी गेंद पर रियान पराग ने चौका जड़ दिया और साथ ही नो बॉल का सायरन भी बज उठा.
रिप्ले में दिखा कि स्टार्क का पिछला पैर रिटर्न क्रीज पर पड़ गया था. राजस्थान को फ़्री हिट मिली लेकिन इसका फायदा वो नहीं उठा सके. इस गेंद पर रियान पराग रन आउट हो गए.
इसके बाद पिच पर यशस्वी जायसवाल आए, पांचवीं गेंद को हेटमायर ने डीप मिडविकेट पर खेला और दो रन के लिए भागे.
लेकिन यशस्वी जायसवाल वापस क्रीज़ में नहीं पहुंच सके और स्टार्क ने गिल्लियां बिखेर दीं.
राजस्थान की टीम सुपरओवर में केवल पांच ही गेंद खेल सकी और अपने दोनों विकेट गंवाते हुए महज 11 रन बना सकी. नियमों के मुताबिक़ सुपरओवर में दो बल्लेबाज़ों के आउट होने पर पारी समाप्त हो जाती है.
जब दिल्ली की बल्लेबाज़ी की बारी आई तो अक्षर पटेल ने केएल राहुल और ट्रिस्टन स्टब्स को उतारा. वहीं राजस्थान की ओर से संदीप शर्मा को गेंद थमाई गई.
केएल राहुल ने पहली गेंद पर दो रन, दूसरी पर चौका, तीसरी पर एक रन बनाए. अब तक सात रन बन चुके थे और जीत के लिए केवल पांच रन चाहिए थे.
चौथी गेंद खेलने के लिए स्टब्स सामने थे और संदीप शर्मा ने शॉर्ट गेंद डाली. स्टब्स ने एक ज़ोरदार पुल शॉट से मिडविकेट पर छक्का जड़ दिया.
दोनों बल्लेबाज़ों ने केवल चार गेंदों पर जीत हासिल कर ली.
ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपनी गेंदबाज़ी की बदौलत कई मुक़ाबले जीता चुके मिचेल स्टार्क बुधवार की रात अपने शबाब पर थे. मैच के आखिरी ओवर और फिर सुपरओवर के प्रदर्शन से पहले वो मैच के दौरान अपनी यॉर्कर गेंद पर नीतीश राणा को आउट कर चुके थे.
इस शानदार प्रदर्शन की वजह से स्टार्क 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुने गए.

मैच के बाद 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' ट्रॉफ़ी लेने पहुंचे स्टार्क से मैच के आख़िरी ओवर और सुपरओवर के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "बस अपने प्लान पर भरोसा किया. एक साफ़ सोच के साथ मैदान में उतरा था और वही करने की ठानी जो प्लान किया था. हर बार प्लान सही नहीं बैठते हैं लेकिन आज वक़्त ने साथ दिया."
जब उनसे पूछा गया कि क्या मैच के दौरान कभी अपना प्लान बदलने के बारे में सोचा तो उन्होंने कहा, "मैं इतने सालों से खेल रहा हूं, तो सब जानते हैं कि मैं आगे क्या करने वाला हूं. लेकिन इस खेल की यही खूबसूरती है कि एक ही सिचुएशन को दस बार दोहराओ तो हर बार नतीजे अलग आ सकते हैं. सच कहूं तो आज किस्मत ने भी मेरा थोड़ा साथ दिया. कुछ मौक़े पर मैं बच गया, मसलन नो बॉल के बाद फ़्री हिट भी मेरे पक्ष में रही."
स्टार्क की बातें बिल्कुल सही है क्योंकि वो कुछ ही दिन पहले बेंगलुरु के ख़िलाफ़ एक ओवर में 30 से अधिक रन लुटाने वाले गेंदबाज़ बने हैं. और तो और इसी मुक़ाबले की शुरुआत में यशस्वी उनकी गेंदों पर जम कर बरसे थे.
दिल्ली कैपिटल्स ने न केवल बीती रात सुपरओवर का मुक़ाबला जीता बल्कि उनके नाम आईपीएल में सबसे अधिक सुपरओवर के मुक़ाबले जीतने का रिकॉर्ड भी है.
दिल्ली की टीम ने अब तक आईपीएल में पांच सुपरओवर मुक़ाबले खेले हैं और चार बार वो इसे जीतने में सफल रहे हैं.
आईपीएल के इतिहास में पहली बार 2009 में सुपरओवर डाला गया था जिसे राजस्थान रॉयल्स ने जीता था.
साल 2020 में रिकॉर्ड (सबसे अधिक) चार मैचों के नतीजे सुपर ओवर से तय हुए थे.
2021 तक आईपीएल ने 14 सुपरओवर मुक़ाबले देख लिए थे लेकिन पिछले तीन सीज़न में सुपरओवर तक कोई मैच नहीं पहुंचा. अब चार साल बाद आईपीएल में फिर सुपरओवर का रोमांच देखने को मिला है.
इस सीज़न का यह लगातार चौथा मैच है जब क्रिकेट का रोमांच शीर्ष पर देखने को मिला.
बुधवार के सुपरओवर मुक़ाबले से ठीक एक दिन पहले पंजाब किंग्स ने आईपीएल के सबसे छोटे स्कोर को डिफेंड करने का इतिहास रचा.
इसके ठीक एक दिन पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने लगातार पांच हार के सिलसिले को तोड़ा और धोनी की कप्तानी में जीत हासिल की. धोनी 6 साल बाद 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने गए और सबसे उम्रदराज 'प्लेयर ऑफ द मैच' का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किया.
अब आज का मुक़ाबला चार दिन पहले (13 अप्रैल को) लगातार तीन गेंदों पर तीन रनआउट कर रोमांचक जीत हासिल करने वाली मुंबई इंडियंस और उससे ठीक एक दिन पहले 245 के विशाल स्कोर को चेज़ कर जीतने वाली 2024 की फ़ाइनलिस्ट सनराइजर्स हैदराबाद के बीच है.
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