यूक्रेन ने शनिवार को दावा किया कि राजधानी कीएव स्थित एक भारतीय फ़ार्मास्युटिकल कंपनी पर रूस ने मिसाइल से हमला किया है.
भारत में यूक्रेन के दूतावास ने इसकी जानकारी दी है. दूतावास ने एक्स पर किया, "आज (शनिवार) रूस की मिसाइल ने यूक्रेन स्थित भारतीय फ़ार्मास्युटिकल कंपनी कुसुम के गोदाम पर हमला किया है."
इसके अलावा यूक्रेनी दूतावास ने रूस पर जानबूझकर भारतीय कंपनी को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया.
दूतावास ने कहा, "भारत के साथ 'विशेष दोस्ती' का दावा करने वाला रूस जानबूझकर भारतीय व्यवसायों को निशाना बना रहा है और बच्चों और बुज़र्गों के लिए बनी दवाओं को नष्ट कर रहा है."
यूक्रेन ने रूस पर ये आरोप ब्रिटेन के राजदूत की एक एक्स पोस्ट के हवाले से लगाए हैं.
यूक्रेन में ब्रिटेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने दावा किया है कि शनिवार सुबह रूसी ड्रोन हमलों में एक बड़ी फ़ार्मास्युटिकल कंपनी का गोदाम नष्ट हो गया है.
हालांकि, ब्रिटिश राजदूत ने किसी भी भारतीय कंपनी का नाम नहीं लिया है.
मार्टिन हैरिस ने हमले की एक तस्वीर जारी करते हुए , "आज (शनिवार) सुबह रूस के ड्रोन ने कीएव स्थित एक प्रमुख फ़ार्मास्युटिकल कंपनी के गोदाम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया."
उन्होंने कहा, "इस हमले में बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए बनी ज़रूरी दवाओं का स्टॉक जलकर राख हो गया. यूक्रेनी नागरिकों के ख़िलाफ़ रूस का आतंक अभियान जारी है."
रूस ने अब तक इन आरोपों पर कोई बयान जारी नहीं किया है. वहीं कुसुम फ़ार्म ने भी इस मामले में अब तक कुछ भी नहीं कहा है. वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अब तक इस घटना पर कुछ नहीं कहा है.
उधर, यूक्रेन में युद्ध ख़त्म करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच बातचीत चल रही है. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन से मुलाक़ात की है.
कुसुम फ़ार्म की में मौजूद जानकारी के मुताबिक़, कुसुम फ़ार्म कंपनी एक मध्यम आकार की कंपनी है.
कंपनी का प्लांट यूक्रेन के सुमी में है, जबकि कंपनी का पता कीएव का है. यह कंपनी टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर, पैलेट जैसी दवाएं बनाती है.
कुसुम फ़ार्म ने अपनी वेबसाइट पर 21 दवाओं का ज़िक्र किया हुआ है, जिन्हें कंपनी बनाती है.
कंपनी की एक अन्य के मुताबिक़, कुसुम फ़ार्मास्युटिकल कई कंपनियों का एक समूह है. इसका हेडक्वार्टर दिल्ली में स्थित है.
इस कंपनी के चार प्लांट हैं, जहां दवाओं का निर्माण होता है. इनमें से तीन भारत में, जबकि एक प्लांट यूक्रेन के सुमी में है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की क्या है स्थिति?रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन साल से युद्ध जारी है. शुक्रवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन पर कि यूक्रेन ने पिछले 24 घंटे के अंदर रूस के ऊर्जा ठिकानों पर पांच बार हमला किया.
पिछले महीने ही अमेरिका के साथ अलग-अलग समझौतों में रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमला नहीं करने पर सहमति जताई थी.
हालांकि, समझौते के बाद से दोनों देशों ने कई मौक़ों पर एक-दूसरे पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन में बीबीसी के संवाददाता जेम्स वाटरहाउस के , यूक्रेन को उम्मीद है कि युद्ध विराम के लिए रूस पर अमेरिका का और अधिक दबाव बढ़ेगा.
अभी भी इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि यूक्रेन में युद्ध विराम लागू करने की योजना कैसे बन रही है.
हालांकि, युद्ध रोकने के लिए बातचीत जारी है. शुक्रवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एक बैठक हुई, जिसमें युद्ध विराम की चर्चा हुई है.
यूक्रेन में युद्ध ख़त्म करने को लेकर अमेरिका और रूस के बीच बातचीत लगातार जारी है.
इसी हफ़्ते शुक्रवार को अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन से अनुरोध किया है कि वो युद्ध विराम के लिए आगे बढ़ें.
अमेरिकी दूत के साथ बैठक के बाद रूस ने बताया कि यह बैठक चार घंटे से अधिक चली. इसमें यूक्रेनी समझौते के पहलुओं पर बातचीत हुई.
इस साल राष्ट्रपति पुतिन के साथ विटकॉफ़ की यह तीसरी मुलाक़ात थी.
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, "रूस को युद्ध ख़त्म करने के लिए आगे बढ़ना होगा. इस युद्ध में हर हफ़्ते बहुत सारे लोग मारे जा रहे हैं."
यूक्रेन के लिए ब्रिटेन ने सैन्य सहायता की घोषणा कीयुद्ध विराम के लिए बातचीत के बीच, ब्रिटेन ने यूक्रेन को साढ़े चार करोड़ पाउंड की अतिरिक्त सैन्य सहायता की घोषणा की है.
यह घोषणा ब्रसेल्स में हुई बैठक के बाद हुई है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हेली ने कहा है कि बैठक में राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव डालने और यूक्रेन पर हमला रोकने के लिए मजबूर करने को लेकर बातचीत हुई.
उन्होंने कहा है, "हमें यूक्रेन की सुरक्षा को मज़बूत करते हुए रूसी हमलों को रोकने के लिए क़दम उठाना चाहिए."
यूक्रेन के लिए ब्रिटिश सैन्य सहायता पैकेज में लाखों ड्रोन्स, एंटी टैंक माइन्स, और सैन्य वाहनों की मरम्मत के लिए फंडिंग शामिल है.
इस पैकेज का लगभग 350 मिलियन पाउंड ब्रिटेन देगा, जबकि बाकी की मदद अंतरराष्ट्रीय कोष के ज़रिए नॉर्वे देगा.
भारत और यूक्रेन के संबंध
बीते 25 सालों में भारत और यूक्रेन के व्यापारिक संबंधों में इज़ाफ़ा देखने को मिला है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत यूक्रेन में मानवीय मदद पहुंचाता रहा है.
हालांकि, भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की कभी निंदा नहीं की और न ही संयुक्त राष्ट्र में रूस के ख़िलाफ़ लाए गए प्रस्तावों का समर्थन किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल के , पिछले साल तक मदद के तौर पर क़रीब 135 टन सामान यूक्रेन भेजे गए हैं.
इनमें दवाएं, कंबल, टेंट, मेडिकल उपकरण से लेकर जनरेटर तक शामिल हैं.
पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा भी किया था.
रूस-यूक्रेन के बीच जब युद्ध शुरू हुआ था, तब वहां भारतीय छात्र भी फँस गए थे. इन छात्रों की संख्या क़रीब चार हज़ार थी.
इन छात्रों को निकालने में पोलैंड ने अहम भूमिका अदा की थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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