टीम इंडिया के मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर नंबर तीन बल्लेबाज़ की समस्या सुलझ नहीं सकी है.
इस दौरे के पिछले दो टेस्ट मैचों में आठ साल बाद टेस्ट टीम में लौटने वाले करुण नायर को आज़माया गया. पर वह अपने प्रदर्शन से अब तक प्रभावित करने में असफल रहे हैं.
इसलिए टीम प्रबंधन के सामने इस स्थान के लिए बल्लेबाज़ का चयन करना चिंता का सबब बन गया है.
करुण नायर की दिक़्क़त यह है कि वह शुरुआत तो अच्छी कर रहे हैं, पर इस अच्छी शुरुआत को अब तक बड़ी पारी में बदलने में सफल नहीं हो सके हैं.
वह तेज़ी से आती गेंदों को खेलने में देरी करने की वजह से आउट हुए हैं. यह ऐसी समस्या है, जिसका निदान इतना आसान नहीं है.
प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं होने से उनकी आलोचना भी हो रही है.
करुण नहीं उठा सके हैं मौक़े का फ़ायदा
करुण नायर घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाकर आए थे, इसलिए उन्हें तीसरे नंबर पर खेलने का मौक़ा दिया गया.
यह पोज़िशन किसी भी पारी को मज़बूती देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. पर करुण नायर के बड़ी पारी खेलने में असफल रहने से भारतीय प्रदर्शन प्रभावित हुआ है.
वह इस दौरे पर खेले तीन टेस्ट में 21.83 के औसत से सिर्फ़ 131 रन बना सके हैं.
इसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 40 रन है, जो उन्होंने लार्ड्स पर खेले गए पिछले टेस्ट में बनाया था.
करुण नायर अगर चौथे यानी मैनचेस्टर टेस्ट में नहीं खेलते हैं तो उनके टेस्ट करियर पर एक बार फिर विराम लग सकता है.
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भारतीय टीम के सहायक कोच रयान टेन डोइशे ने भारतीय टीम के बेकनहम पर अभ्यास के दौरान स्पष्ट तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा कि वह उनके बारे में क्या फैसला करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "करुण नायर की एक खिलाड़ी के तौर पर लय और गति अच्छी है. हम तीसरे नंबर के बल्लेबाज़ से और ज़्यादा रन चाहते हैं. फ़िलहाल हमारा फ़ोकस इस पर है कि हमने क्या अच्छा किया है और उन छोटी ग़लतियों को सुधारना, जिनकी वजह से मैच हारे हैं."
रयान कहते हैं, "अगर हम हर बल्लेबाज़ को अलग-अलग देखें तो सभी ने अच्छी बल्लेबाज़ी की है. टीम की दिक़्क़त, गुच्छों में विकेट का गिरना है."
वहीं टीम प्रबंधन का मानना है कि करुण नायर ही नहीं बल्कि सभी बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन में कुछ ख़ास मौक़ों पर गिरावट देखने को मिली है.
पूर्व क्रिकेटर भी नहीं हैं संतुष्टभारत के पूर्व टेस्ट खिलाड़ी फ़ारूख़ इंजीनियर भी करुण नायर के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "करुण नायर 20-30 रन अच्छे बना रहे हैं. वह खूबसूरत कवर ड्राइव लगा रहे हैं. लेकिन तीसरे नंबर के बल्लेबाज़ से सिर्फ़ इतनी ही उम्मीदें नहीं होती हैं. आपको और ज़्यादा रन बनाने होंगे."
दीपदास गुप्ता ने सिरीज़ में आधिकारिक प्रसारक पर कमेंट्री के दौरान कहा, "टीम प्रबंधन को फ़ैसला करना होगा कि वह करुण नायर के साथ कैसा व्यवहार करना चाहते हैं. अगर वह उन्हें खिलाए रखना चाहते हैं तो उन्हें इस सिरीज़ के बाद घरेलू सिरीज़ में भी मौका दें."
"अगर साई सुदर्शन उनकी भविष्य की योजना का हिस्सा हैं तो उन्हें ओल्ड ट्रेफर्ड से ही मौक़ा दें. हम जानते हैं कि वह आते ही अपना विकेट नहीं दे रहे हैं. पर वह जो कर रहे हैं, वह काफी नहीं है, उन्हें इस स्थान पर खेलने पर 60-70 ओवर निकालना आना होगा."
पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी ने ही 2016 में पहली बार करुण नायर का टेस्ट टीम में चयन किया था. वह कहते हैं कि यह दौरा करुण के लिए निर्मम रहा है.
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भारतीय टीम प्रबंधन अगर मैनचेस्टर टेस्ट में करुण नायर को नहीं खिलाता है तो उसके पास विकल्प क्या हैं. एक तो विकल्प यह है कि पहले टेस्ट में इस स्थान पर खेले साई सुदर्शन को फिर से मौक़ा दिया जाए.
साई सुदर्शन पहले टेस्ट में तीसरे नंबर पर खेले थे और उन्होंने शून्य और 30 रन बनाए थे.
उन्होंने दूसरी पारी में बनाए तो 30 रन ही थे पर अपने खेलने के अंदाज़ से प्रभावित किया था.
लेकिन दूसरे टेस्ट में एक पेस ऑलराउंडर को खिलाने की ख़ातिर साई को नहीं खिलाया गया था.
पहले टेस्ट में साई के तीसरे और करुण नायर के छठे नंबर पर खेलने से एक बात तो साफ़ है कि टीम कोच की निगाह में साई सुदर्शन ही तीसरे नंबर के लिए पहली पसंद थे. इसलिए उन्हें मौक़ा दिया जा सकता है.
एक संभावना यह भी चल रही है कि तीसरे टेस्ट की पहली पारी के दौरान ऋषभ पंत की बाएं हाथ की उंगली चोटिल हो गई थी. इसके बाद उन्होंने बल्लेबाज़ी तो की पर विकेटकीपिंग नहीं की है.
उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने कीपिंग की है. अब अगर पंत अभी भी विकेटकीपिंग करने की स्थिति में नहीं हैं तो वह एक बल्लेबाज़ के तौर पर खेलें और ध्रुव जुरेल विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर खेलें.
जुरेल ने तमाम मौकों पर अपनी बल्लेबाज़ी क्षमता का प्रदर्शन किया है.
अभिमन्यु ईश्वरन भी तीसरे नंबर पर खेलने की क्षमता रखते हैं. वह 2024-25 की ऑस्ट्रेलिया के साथ सिरीज़ से ही भारतीय टेस्ट टीम के साथ हैं. पर उनका टेस्ट पदार्पण अब तक नहीं हो सका है.
वह इस सिरीज़ से पहले भारत ए के लिए अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने भारतीय टीम के ख़िलाफ़ खेले दोनों मैचों में हाफ़ सेंचुरी बनाई थी. वहीं वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 27 शतक लगाकर अपनी धाक जमा चुके हैं.
श्रेयस अय्यर की महसूस हो रही है कमी
श्रेयस अय्यर ने भी करुण नायर की ही तरह घरेलू क्रिकेट में काफ़ी रन बनाए थे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का भी ख़ासा अनुभव है.
उनके फॉर्म में रहते हुए भी टेस्ट टीम में नहीं चुनकर चयनकर्ताओं ने हैरान किया था. यह माना जा रहा है कि श्रेयस अगर टीम में होते तो तीसरे नंबर के बल्लेबाज़ की समस्या से निजात पाई जा सकती थी.
श्रेयस वैसे तो टीम में नहीं हैं मगर ज़रूरत पड़ने पर उन्हें इंग्लैंड बुलाया जा सकता है.
उन्हें 14 टेस्ट खेलने का भी अनुभव है और वह 35 से ज़्यादा के औसत से 811 रन बना चुके हैं. वह चैंपियंस ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं. यह ज़रूर है कि उनके आने से टीम मज़बूत हो जाएगी.
पर चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना है तो बहुत संभव है कि वह अब उन्हें आगे देखने का मन बना चुके हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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