बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर शहर से निकलने वाला गंदा पानी शहर से 10 किलोमीटर दूर कुड़ला से शिवकर मार्ग के आसपास करीब 5 लाख वर्ग मीटर जमीन पर किसानों के खेतों में फैला हुआ है। बिना बारिश के ही यहां बाढ़ जैसे हालात हैं। कुछ दुकानें तो कुछ घर पानी से घिरे हुए हैं। बाड़मेर से सरली जाने वाली सड़क पर 2-2 फीट पानी भरा हुआ है। सड़क पर भरे पानी के कारण जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं, ऐसे में जब दोपहिया वाहन इस जलभराव से गुजरते हैं तो गिरकर चोटिल हो जाते हैं। नगर परिषद की लापरवाही के कारण शिवकर और कुड़ला के आसपास किसानों के 5 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा खेत गंदे पानी से घिरे हुए हैं।
गंदे पानी की दुर्गंध ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। प्रदूषित पानी के कारण मच्छरों की संख्या भी बढ़ गई है। कुड़ला और शिवकर दोनों गांवों के किसानों की जिंदगी नर्क से कम नहीं है। वजह है बाड़मेर शहर के सीवर का गंदा पानी। नगर परिषद के पास सीवरेज और गंदे पानी के स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। कुड़ला में बना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट करीब 2 साल से बंद पड़ा है। यही वजह है कि गंदा पानी नालों के जरिए किसानों के खेतों में भर रहा है। पानी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
केमिकल वाले पानी के कारण किसानों के खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। खेत बर्बाद हो गए हैं। यहां पानी बहने से खेतों में नाले बन गए हैं। कुछ दुकानें डूब गई हैं तो कुछ घर। हालात ये हैं कि बाड़मेर-सरली मार्ग पिछले 2 महीने से पानी में डूबा हुआ है। यहां से रोजाना 2 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, लेकिन सभी 2 फीट गहरे पानी से होकर गुजरते हैं।
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