सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पिछले एक महीने में बाघ के हमलों में 2 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद यहां से चौंकाने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं। सबसे पहले बाघिन टी-2302 के 3 शावकों के साथ इंसानों के खेलने का वीडियो आया। अब बाघ के सामने रील बनाते एक युवक का वीडियो सामने आया है। इसके बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। वीडियो में एक युवक बाघ से थोड़ी दूरी पर घूमता नजर आ रहा है। युवक का साथी जान जोखिम में डालकर किए जा रहे इस स्टंट की रील बना रहा है। जानकारी के अनुसार यह वीडियो रणथंभौर के फलौदी रेंज के झोझेश्वर और कैलाशपुरी के बीच बने पहले एनीकट का बताया जा रहा है। इसमें एक युवक बाघ के सामने स्टंट करते हुए घूम रहा है। एक ओर जहां वन विभाग के अधिकारी पर्यटन में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर नियम-कायदों को धता बताकर यहां एक के बाद एक चौंकाने वाले वीडियो बन रहे हैं।
अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका
दैनिक भास्कर ने मामले को लेकर मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) अनूप केआर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के डीएफओ प्रथम रामानंद भाकर से कई बार संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका।
16 अप्रैल: बच्चे को 100 फीट दूर घसीट ले गई बाघिन
16 अप्रैल को बूंदी के देई खेड़ा से एक परिवार शादी का कार्ड देने गणेश मंदिर आया था। परिवार के साथ 7 वर्षीय बच्चा कार्तिक सुमन भी था। बच्चा अपनी दादी का हाथ पकड़कर लौट रहा था।इस दौरान मंदिर से 300 मीटर दूर बाघिन ने हमला कर दिया। वह बच्चे को 100 फीट दूर घसीट ले गई।डीएफओ रामानंद भाकर ने कहा था- घटना का पता चलते ही दो कर्मचारी मौके पर पहुंचे। ट्रैकिंग शुरू की। खून के धब्बे मिले।घटनास्थल से 100 फीट दूर पहाड़ी क्षेत्र में बच्चे को देखा गया। बाघिन बच्चे से कुछ दूरी पर बैठी थी। पहले केवल दो लोगों के कारण वे बच्चे को नहीं बचा पाए। बाघिन के हमले की आशंका थी।कुछ देर बाद 8 लोगों का स्टाफ मौके पर पहुंचा और बच्चे को उठाकर लाने लगा। इसी बीच बाघिन स्टाफ का पीछा करने लगी। हालांकि स्टाफ ने शोर मचाकर बाघिन को भगा दिया।
11 मई: 20 मिनट तक रेंजर के शव पर बैठी रही बाघिन
रविवार (11 मई) दोपहर रेंजर देवेंद्र चौधरी जंगल के अंदर गए थे। वनरक्षक अमित उन्हें बाइक से छोड़ने गए थे। जोगी महल से आगे विभाग की चौकी है।करीब सौ मीटर पहले देवेंद्र बाइक से उतरे और गार्ड को वापस भेज दिया। उन्होंने कहा था कि वे वहां चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए जाएंगे।
इसके बाद वे चौकी की ओर पैदल ही चल दिए। इसी दौरान झाड़ियों में छिपी बाघिन ने उस पर हमला कर दिया। हमला इतना तेज था कि देवेंद्र को शोर मचाने या संभलने का मौका ही नहीं मिला। बाघिन उसे झाड़ियों के अंदर खींचने लगी। इसी दौरान वहां से गुजर रहे एक वन रक्षक ने यह देख लिया। वह चिल्लाया। चिल्लाते हुए वह चौकी की तरफ भागा। चौकी के बाहर स्टाफ था। शोर सुनकर वे तुरंत मौके पर पहुंचे। करीब 20 मिनट तक बाघिन शव पर बैठी रही। किसी तरह स्टाफ ने उसे हटाया और शव को कब्जे में लिया। सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा भगवान भरोसे नजर आ रही है। एक तरफ वन विभाग के अधिकारी अपने चहेतों को सैर कराने में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ इंसान बाघिन के नवजात शावकों तक पहुंच रहे हैं।
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