राजस्थान में गर्मी की शुरुआत होते ही जल संकट दिखने लगा है। कई जिलों में पेयजल को लेकर शिकायतें देखने को मिल रही हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने बुधवार (16 अप्रैल) को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में गर्मी के मौसम में लोगों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में रहकर जलापूर्ति व्यवस्था की निरंतर निगरानी करने और किसी भी तरह की शिकायत का तुरंत समाधान करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरत के मुताबिक टैंकरों से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए, साथ ही पुराने ट्यूबवेल और हैंडपंपों की मरम्मत का काम समय रहते पूरा किया जाए।
हैंडपंप से लेकर ट्यूबवेल तक की व्यवस्था करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में आपातकालीन पेयजल कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए। नए ट्यूबवेल और हैंडपंप लगाए जाएं। कंट्रोल रूम के नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए। हर गांव में जल मित्र नियुक्त किए जाएं, ताकि स्थानीय स्तर पर सहयोग मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल से संबंधित बजटीय घोषणाओं को समय पर पूरा करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
समय सीमा में पूरा करें कार्य
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि अमृत योजना के सभी कार्य तय समय सीमा में पूरे किए जाएं। जल जीवन मिशन की परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने के बाद टूटी सड़कों की मरम्मत भी प्राथमिकता से की जाए। नहरबंदी के दौरान तालाबों को भरना सुनिश्चित किया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक जल स्रोत उपलब्ध हो सकें। इस बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों के विभागीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।