भजनलाल सरकार ने आगामी शिक्षा सत्र में बड़ा बदलाव किया है। 2025-26 का नया शिक्षा सत्र 1 जुलाई से ही शुरू होगा। ऐसे में शिक्षा विभाग 10 साल बाद पुराने ढर्रे पर लौट आया है। पिछले एक दशक यानी 10 साल से नया सत्र मई महीने में ही शुरू हो रहा था और गर्मी की छुट्टियों के बाद 20 जून को स्कूल खुल जाते थे। जानकारी के मुताबिक, भाजपा की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में स्कूलों के शिक्षा सत्र और छुट्टियों में बदलाव हुआ था। भाजपा शासन में ही इसमें बदलाव किया गया है।
10 साल बाद 'पुराने ढर्रे' पर लौटा शिक्षा विभाग
हालांकि हाल ही में इसकी अलग से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से मई 2025 महीने के लिए जारी शिविरा पंचाग में इसका जिक्र किया गया है। शिविरा पंचाग में बताया गया है कि इस बार 17 मई से 30 जून तक गर्मी की छुट्टियां रहेंगी। शिविरा पंचाग में पूरे जून माह के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश दर्शाया गया है। इससे पहले 16 मई तक सभी कक्षाओं के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित करने और प्रगति रिपोर्ट वितरित करने समेत चालू सत्र के शेष कार्य पूरे करने होंगे।
1 जुलाई से शुरू होगा नया सत्र
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अब यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नया सत्र 2025-26 1 जुलाई से शुरू होगा। आपको बता दें कि पिछले दस सालों से नया सत्र मई से शुरू किया जा रहा था। बड़ा बदलाव करते हुए इस बार शिक्षकों की छुट्टी भी 30 जून तक होगी। अभी तक ग्रीष्मकालीन अवकाश कभी 18 जून तक तो कभी 23 जून तक होता था।
प्रदेश के 4 लाख से ज्यादा शिक्षकों को राहत
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अब 1 जुलाई से नया सत्र शुरू होने वाले दिन से ही शिक्षक और बच्चे स्कूल आएंगे। इस फैसले से राजस्थान के 4 लाख से ज्यादा सरकारी शिक्षकों को राहत मिलने से काफी खुशी है। सरकार के इस फैसले से जहां विद्यार्थियों को राहत मिली है, वहीं शिक्षकों के लिए यह फैसला गर्मी में ठंडी छांव जैसा साबित हुआ है। शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इसे समय और मौसम के हिसाब से सही फैसला बताया है। सोशल मीडिया पर कुछ शिक्षकों ने तो 'थैंक्यू भजनलाल' हैशटैग भी चला दिया। एक शिक्षक ने कहा- अब हम वाकई छुट्टियों में गांवों या लंबी दूरी के स्टेशनों पर जा सकेंगे।
नया सत्र, नई व्यवस्था, पुराने दिन
करीब 10 साल बाद प्रदेश में शिक्षा विभाग अपने पुराने ढर्रे पर लौट आया है। जुलाई से शुरू होने वाले सत्र को 2015-16 में वसुंधरा राजे सरकार ने अप्रैल-मई में कर दिया था, ताकि निजी स्कूलों से समन्वय किया जा सके। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने 'रिवर्स गियर' मारकर पुराने फॉर्मूले पर वापसी कर ली है।
मई-जून में
हालांकि अभी इस फैसले की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन शिविरा पंचांग में जो दर्ज हुआ है, वह किसी सरकारी मुहर से कम नहीं है। यानी अब 1 जुलाई को जब बच्चे और शिक्षक स्कूल पहुंचेंगे, तब नए सत्र की औपचारिक शुरुआत होगी। न तो मई-जून में कक्षाएं लगेंगी और न ही परीक्षाओं का झंझट रहेगा।
भाजपा राज में सीएम का नया चेहरा
आपको बता दें कि 10 साल पहले नया सत्र 1 जुलाई से शुरू होता था, लेकिन निजी स्कूलों में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले शिक्षा सत्र को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसमें बदलाव किया था। बताया जा रहा है कि भाजपा राज में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में सत्र 2015-16 के दौरान सरकारी स्कूलों में नया सत्र अप्रैल से शुरू किया गया था। एक दशक पहले नया सत्र 1 जुलाई से शुरू होता था, लेकिन निजी स्कूलों में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले शिक्षा सत्र को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसमें बदलाव किया था। जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार में सीएम वसुंधरा के कार्यकाल में सत्र 2015-16 के दौरान नया सत्र अप्रैल माह से शुरू करने का प्रयोग किया गया था। अब भाजपा राज में भजनलाल सरकार ने फिर से इस पुराने ढर्रे को बदल दिया है। इधर, सरकार के इस फैसले पर सभी शिक्षकों ने खुशी जताई है और इसे शिक्षा जगत के लिए बेहतर बताया है। शिक्षा विभाग द्वारा किए गए ऐसे बदलावों से गर्मी की छुट्टियों में भी ठंडी हवा चलने लगी है।
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