किसी जरुरतमंद की ओर से रोजगार के लिए जहां तहां लगाई थड़ियों को हटाकर इतिश्री की ओर बढ़ने वाला अतिक्रमण हटाओ अभियान इसबार नेताओं और रसूखदारों की चोखट तक पहुंच गया तो आमलोगों की जुबां से निकल गया इस अभियान के सामने राजनीति हार गई। वह इसलिए कि जिन लोगों के पहले अतिक्रमण हटाए उन्होंने अभियान को समान रूप से चलाने की जिद की तो नगर परिषद की समस्या का समाधान स्वत: ही हो गया और पीले पंजे के साथ चले अभियान ने प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर नेताओं तक आवास पर बने अवरोधों को हटा दिया। हालांकि नगर परिषद की टीम ने अवरोध तो हटाए लेकिन उखरे खुर्रे या तारबंदी हटाने के बाद खाली हुई जमीन पर तत्काल कोई सुधार कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी हुई।
कलक्ट्रेट से बहड़ सर्किल और आपणी योजना कलक्ट्रेट तक हटाए गए अतिक्रमण या अवरोध से कलक्टर, नेताओं के आवास और हर आवास, संस्थान और दुकानों के आगे से जानेवाले पंखा मार्ग का स्वरूप अब बदल गया हैं। हालांकि लोगों को कहना है कि अवरोध हटाने के साथ साथ नगर परिषद को फुटपाथ, सड़क निर्माण और पौधरोपण का कार्य शुरू करना चाहिए था क्योंकि कई आवासों में रहनेवाले लोगों को अपने ही घर में प्रवेश करने के लिए परेशानी हो रही है। यहां रहनेवाले कुछ लोगों का कहना था कि नगर परिषद को तत्काल निर्माण कार्य शुरू कर इस मार्ग का विकास करना चाहिए।
कुछ ने अपने आप हटा दी तारबंदी
इसी पंखा मार्ग पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का मकान है।मकान के आगे पेड़ आदि लगाकर तारबंदी की हुई थी जिसे राठौड़ ने स्वयं ही हटा दिया। इनके अलावा अन्य लोगों ने स्वयं ने तारबंदी आदि हटाई लेकिन कुछ मकानों के आगे नगर परिषद की टीम ने अवरोध हटाए।
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