रोहित गोदारा नाम के एक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट वायरल हो रही है। रोहित गोदारा ने लॉरेंस बिश्नोई पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने उन्हें देशद्रोही बताया और कहा कि उन्हें सनातन धर्म का मतलब ही नहीं पता। उन्होंने कहा कि नौ दिन का उपवास रखने से पहले वह मीडिया की सुर्खियाँ बटोरते हैं। उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई और एक अमेरिकी एजेंसी के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाया। हालाँकि, NDTV ने इस सोशल मीडिया पोस्ट की पुष्टि नहीं की है।
लॉरेंस में लड़ने की हिम्मत नहीं
रोहित गोदारा के नाम से एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, "सभी भाइयों को राम राम। मैं, रोहित गोदारा और गोल्डी बरार, आपको बता दूँ कि हमारे खिलाफ यह फेसबुक पोस्ट जो मीडिया में घूम रही है, वह (हरि बॉक्सर) शराब पीकर झूठी पोस्ट करता है! सुबह वह हमसे माफ़ी माँगता है! हमारे पास इसकी रिकॉर्डिंग है, जो हमने आपको भेज दी है! वह एक मोटरसाइकिल चोर है। उसमें (लॉरेंस बिश्नोई) हमसे लड़ने की हिम्मत नहीं है।"
"लॉरेंस से बड़ा गद्दार दुनिया में कोई नहीं है
उन्होंने आगे लिखा, "ये आदमी (लॉरेंस)! दुनिया में इससे बड़ा चोर और गद्दार कोई नहीं है। इसने देश के साथ गद्दारी की! इसने अमेरिकी एजेंसियों से सांठगांठ करके अपने भाई (अनमोल) को बचाया! और अब ये उन्हें देश के राज़ बताता है। ये उन्हें हमारे उन सभी भाइयों के बारे में बताता है जो विदेश में हैं। और ये (सलमान खान) के नाम पर शोहरत बटोरता रहता है! ये खुद हमें कहता रहा है कि शोहरत के लिए इसे मारना पड़ेगा।"
"हमारा नाम लॉरेंस से मत जोड़ो"
रोहित गोदारा ने आगे लिखा, "और ये चीनू बहन (दिवंगत आनंदपाल जी) के बारे में बुरा-भला कह रहा है, जिनकी बेटी को ये बहन कहता था। वो हमारी छोटी बहन है! और इसे सनातन नाम का मतलब भी नहीं पता! ये नौ दिन की नवरात्रि मनाने से पहले मीडिया को बुलाता है! ये (लॉरेंस) गद्दार है। मैं मीडिया से अनुरोध करता हूँ कि हमारी कोई भी तस्वीर या नाम इसके साथ न जोड़े। और ये इसकी पोस्ट में।"
You may also like
बड़ी खबर LIVE: पटना में आज CWC की बैठक, कांग्रेस के कई दिग्गज रहेंगे मौजूद
'आई लव मोहम्मद' के बैनर को लेकर विवाद और एफ़आईआर, कई शहरों में प्रदर्शन
क्या रद्द होगी SI Recruitment 2021 की परीक्षा या नहीं ? आज सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई
Rajasthan: भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री भजननलाल का बड़ा एक्शन, दे दिए हैं ये निदेश
आयरलैंड में सजे असम के सांस्कृतिक रंग, कविताओं से महकी शाम