भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐसी तकनीक का आविष्कार किया है जो बरसात के मौसम में बिजली गिरने से पहले लोगों को अलर्ट भेजेगी। मानसून और बरसात के मौसम में लोग अक्सर घर से बाहर निकलने से डरते हैं और उनके डर का मुख्य कारण आसमान से गिरने वाली बिजली है, जो कभी भी और कहीं भी गिर सकती है। इसके कारण हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में इसरो की नई तकनीक लोगों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। आइए आपको इसरो की इस नई तकनीक के बारे में बताते हैं।इसरो ने इस नई तकनीक के बारे में बताया है कि उन्होंने भारतीय भूस्थिर उपग्रहों से डेटा एकत्र करके और उनकी मदद से बिजली गिरने का पूर्वानुमान लगाने वाली तकनीक तैयार करने में सफलता हासिल की है। इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने यह उपलब्धि हासिल की है।
2.5 घंटे पहले मिलेगा अलर्ट
राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के वैज्ञानिकों को इनसैट-3डी (भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली-3डी) उपग्रह से प्राप्त 'आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन' में एक खास तरह का संकेत दिखाई दिया। इस पैटर्न को देखने के बाद वैज्ञानिकों को समझ में आया कि जब ओएलआर की गति कम होती है तो आसमान से बिजली गिरने की संभावना होती है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने इस नई तकनीक के जरिए पता लगाया कि इसकी मदद से बिजली गिरने से करीब 2.5 घंटे पहले ही पता लगाया जा सकता है कि बिजली गिर सकती है या नहीं।
इसरो की यह एक खास और नई तकनीक है, जो लोगों और समाज को बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में मदद कर सकती है। इस नई तकनीक की मदद से इसरो बिजली गिरने से पहले ही उसका अनुमान लगा लेगा और उसके बाद उस जगह से लोगों, जानवरों और जान-माल को हटाया जा सकेगा ताकि न तो किसी की मौत हो और न ही जान-माल का कोई नुकसान हो।
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