नागौर न्यूज़ डेस्क, प्रदेश में फसल कटाई (क्रॉप कटिंग) प्रयोग शुरू हो चुके हैं। अकेले नागौर जिले में खरीफ की फसलों के 6414 फसल कटाई प्रयोग होंगे, जिनके लिए पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी एवं आरआई को अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है। जिले में ये सभी कार्मिक मिलाकर 500 से अधिक होंगे, लेकिन बीमा कपनी की ओर से मात्र 17 प्रतिनिधि लगाए गए हैं, जबकि प्रत्येक फसल कटाई प्रयोग में बीमा कपनी के प्रतिनिधि की मौजूदगी आवश्यक है।
ऐसा नहीं करने पर बीमा कपनी की ओर से फसल कटाई प्रयोग पर आपत्ति लगा दी जाएगी। इसके चलते किसानों को फसल खराबे के बावजूद बीमा क्लेम नहीं मिल पाएगा। गत वर्ष ऐसा हो भी चुका है। आज भी जिले के सैकड़ों किसान बीमा कपनी की झूठी आपत्तियों के चलते बीमा क्लेम से वंचित हैं। फसल कटाई प्रयोग में आने वाले उत्पादन के आधार पर ही बीमा कपनी किसानों को बीमित फसल का क्लेम देती है।
यदि फसल कटाई प्रयोग सही नहीं किया गया या जो किया गया है, उस पर आपत्ति दर्ज हो गई तो किसान को क्लेम नहीं मिल पाता है। इस बार जिले में अगस्त माह में अतिवृष्टि होने से फसलें खराब हो गई, वहीं सितबर माह में बारिश नहीं होने से फसलों के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ा है। ऐसे में समय पर फसल कटाई प्रयोग नहीं हुए तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि फसल कटाई प्रयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम मिलता है।
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