Next Story
Newszop

राजस्थान में एक बार फिर भारी बारिश का अलर्ट, 11 जिलों में रेडी अलर्ट—27 और 28 जुलाई को अति भारी वर्षा की चेतावनी

Send Push

राजस्थान में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के अनुसार, यह तेज बारिश का सिलसिला 26 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक जारी रह सकता है। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह में बारिश की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना जताई गई है।

जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में गुरुवार को एक नया कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बना है। यह सिस्टम शुक्रवार को और अधिक ताकतवर होकर वेल मार्क्ड लो-प्रेशर सिस्टम में तब्दील हो सकता है। इस सिस्टम के प्रभाव से राजस्थान के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में मूसलधार बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी।

27-28 जुलाई को अति भारी वर्षा की चेतावनी

मौसम विभाग ने बताया है कि 27 और 28 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में अति भारी वर्षा (extremely heavy rainfall) की संभावना है। इसको लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि इन दो दिनों में स्थानीय प्रशासन और आम लोगों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी। संभावित प्रभावित जिलों में कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, सिरोही और राजसमंद शामिल हैं।

इन जिलों में निचले इलाकों में जलभराव, सड़क परिवहन में बाधा और खेतों में पानी भरने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ग्रामीण इलाकों में बिजली गिरने की घटनाओं की भी आशंका जताई गई है, जिसे देखते हुए किसानों और खेतों में काम करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

26 जुलाई से शुरू होगा सक्रिय मानसून चरण

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 26 जुलाई से पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियों में तेजी आएगी और फिर यह सिस्टम राज्य के अंदरूनी भागों में प्रवेश करेगा। यह सिस्टम 30 जुलाई तक राज्य में सक्रिय रहेगा। इसके बाद एक अगस्त से मानसून की गतिविधियां कमजोर हो सकती हैं और वर्षा में थोड़ी कमी आ सकती है।

प्रशासन को तैयार रहने के निर्देश

राज्य सरकार और संबंधित जिला प्रशासन को संभावित स्थिति को देखते हुए अलर्ट पर रखा गया है। आपदा प्रबंधन दलों को तैनात करने और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने पर राहत कार्यों के लिए NDRF और SDRF टीमों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।

Loving Newspoint? Download the app now