दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा के गुमानपुरा ग्राम पंचायत स्थित आईटी सेंटर पर कृषि विभाग की ओर से परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक (आत्मा) नवल किशोर मीना ने जैविक खेती के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों द्वारा खेती में रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में उर्वरा शक्ति एवं मानव स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए जैविक खेती को अपनाना चाहिए। कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना ने जैविक इनपुट प्रमाणीकरण संस्थान द्वारा जैविक इनपुट प्रमाण पत्र, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित विभिन्न अनुदान योजनाओं, तारबंदी, फार्म पोंड, सिंचाई पाइप लाइन, कृषि उपकरण,
पॉली हाउस, सोलर पंप सेट, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, फव्वारा प्लांट तथा अनुदान एवं पात्रता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रगतिशील किसान शिवचरण साकड़ा ने जैविक खेती में केंचुआ खाद के योगदान के बारे में बताया तथा खाद तैयार करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि अधिकारी दौसा सूरज कंवर ने एकीकृत कीट-रोग प्रबंधन, फसलों में विभिन्न कीट-रोगों के नियंत्रण, बीज उपचार के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी गढ़ रानोली भादर सिंह गुर्जर, सहायक कृषि अधिकारी गीजगढ़ लालचंद सैनी, सहायक कृषि अधिकारी भांडारेज राजेंद्र कुमार शर्मा, कृषि पर्यवेक्षक गिर्राज प्रसाद मीना, मयंक वेद, कमलेश मीना, मुकेश मीना, रीना गुर्जर, बनवारी लाल कुम्हार, बिंदुवाला जांगिड़, अनुराधा मीना सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।