विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा पूरे देश में विशेष पथ संचलन आयोजित किया गया। इसी कड़ी में जोधपुर के कई प्रखंडों में भी स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और नगर में परंपरागत तरीके से विजयादशमी का पर्व मनाया।
विशेष रूप से महानगर के विवेकानंद नगर में आयोजित पथ संचलन में लगभग 250 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का मार्गदर्शन संत रामविचार महाराज और प्रांत शारीरिक प्रमुख भगवत दान ने किया। संचलन में शामिल स्वयंसेवकों ने अनुशासन और उत्साह का अद्भुत परिचय दिया।
कार्यक्रम के दौरान आयोजकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया। इस प्रकार के आयोजन का उद्देश्य न केवल राष्ट्रीय और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और संगठन भावना को भी प्रोत्साहित करना है।
स्वयंसेवकों ने बताया कि यह पथ संचलन उनके लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से उनमें सामूहिक अनुशासन, देशभक्ति और सेवा भाव की भावना मजबूत होती है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले युवा स्वयंसेवकों ने बताया कि उन्होंने इस अवसर पर अपने समुदाय और समाज के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प भी लिया।
संचलन के मार्ग पर उपस्थित नागरिकों ने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया और पुष्प अर्पित कर उनकी प्रशंसा की। संत रामविचार महाराज ने कहा कि विजयादशमी का पर्व अच्छाई की जीत और बुराई के नाश का प्रतीक है। इस अवसर पर आयोजित पथ संचलन समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का एक माध्यम है।
प्रांत शारीरिक प्रमुख भगवत दान ने भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल संघ के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हैं, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और सामूहिक चेतना को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नियमित रूप से इस तरह की गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व और सामाजिक योगदान को निखारें।
विशेषज्ञों का कहना है कि विजयादशमी के अवसर पर आयोजित पथ संचलन समाज में सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। यह आयोजन युवाओं को अपने इतिहास और परंपराओं से जोड़ता है और उन्हें सकारात्मक दिशा में सक्रिय बनाता है।
इस प्रकार, जोधपुर में आयोजित पथ संचलन ने स्थानीय स्तर पर उत्साह और एकजुटता का संदेश फैलाया। स्वयंसेवकों की अनुशासित और समर्पित भागीदारी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया और विजयादशमी के महत्व को दर्शाया।
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