पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज (27 सितंबर) उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे पर मीडिया से बात की। उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी, कांग्रेस पार्टी में शामिल किए गए नेताओं और कन्हैयालाल साहू हत्याकांड में न्याय में हो रही देरी पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पूछा, "जो कार्यकर्ता लंबे समय से अपनी आवाज़ और माँगें उठा रहे हैं, और जो मोदीजी के कट्टर समर्थक भी रहे हैं, उन पर अचानक आरोप लगाकर उन्हें जेल क्यों भेजा जा रहा है? ये इतने बड़े आतंकवादी कौन हैं कि उन्हें जोधपुर जेल भेजना पड़ा? लद्दाख से सीधे जोधपुर स्थानांतरित करने का क्या कारण था?"
गृह मंत्रालय को मामले की जानकारी होनी चाहिए - गहलोत
गहलोत ने कहा कि पहले मणिपुर और अब अन्य जगहों पर जो हिंसा का माहौल बन रहा है, वह ठीक नहीं है। गृह मंत्रालय को इसके कारणों की जानकारी होनी चाहिए। अगर समय पर बातचीत हो, तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले ढाई सालों में मणिपुर में कितना खून-खराबा हुआ है। अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अभी-अभी आए हैं। उसके बाद वहाँ फिर से हिंसा भड़क उठी।
उन्होंने मेवाराम जैन की वापसी पर भी प्रतिक्रिया दी
उन्होंने कहा कि जेल के अंदर कोई व्यवस्था नहीं है। वहाँ मोबाइल फ़ोन उपलब्ध हैं, और जेल के अंदर से गैंगस्टरों ने अपनी गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं। उन्होंने मेवाराम जैन की वापसी पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भीतर गठित एक समिति के आधार पर है, और अनुशासन समिति ने अपनी सिफ़ारिशें दी हैं। इसके बाद सभी की राय ली गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोच-समझकर ही अपना फ़ैसला लिया होगा।
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